Tuesday, November 20, 2018

डीआईजी की याचिका में आया NSA डोभाल का नाम

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अंदर जारी संघर्ष के बीच एक और सीबीआई अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है. सीबीआई में शीर्ष दो अधिकारियों में मचे घमासान से जुड़े इस प्रकरण में सीबीआई डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा ने अपने तबादले के आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि उनका तबादला एक अहम मामले में जांच की दिशा को बदलने के लिए किया गया है. अपनी अर्जी में मनीष कुमार ने दावा किया कि जांच के दौरान आरोपी ने मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का नाम लिया.

तबादले के आदेश को स्थगित करने के साथ-साथ मनीष कुमार ने कोर्ट से अपील की है कि तबादले के मामले की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) से जांच कराई जाए. मनीष कुमार से कोर्ट से कहा है कि उनका तबादला सीबीआई से नागपुर करके एक वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है.

गौरतलब है कि मनीष कुमार सिन्हा सीबीआई अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने के एक अहम मामले की जांच कर रहे थे. सिन्हा ने कोर्ट से कहा है कि अस्थाना ने रिश्वत लेकर हैदराबाद के एक कारोबारी सतीश सना को सीबीआई के सम्मन से बचने में मदद करने का काम किया है. सतीश सना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ चल रहे कई मामलों की सीबीआई जांच में सह-आरोपी है. सतीश सना पर भी मनी लॉन्डरिंग के मामले में जांच हो रही है.

CBI vs CBI: आलोक वर्मा को जवाब देने के लिए मिले और 3 घंटे

सुप्रीम कोर्ट से लगाई गई गुहार में मनीष कुमार ने बताया कि 16 अक्टूबर, 2018 को सीबीआई ने एक आरोपी मनोज प्रसाद को दुबई से दिल्ली पहुंचते ही गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के साथ सीबीआई के अधिकारी मनोज कुमार को दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय पर ले गए. लेकिन सीबीआई मुख्यालय पहुंचने के बाद कुछ घंटों तक मनोज कुमार ने सवालों का जवाब देने की जगह अधिकारियों को धमकाने का काम किया. पूछताछ में सहयोग करने की जगह मनोज कुमार ने सीबीआई अधिकारियों को धमकाने के लिए उच्चे पदों पर आसीन अधिकारियों से अपने नजदीकी रिश्ते का हवाला दिया.

मनीष कुमार ने कोर्ट से लगाई गुहार में बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी मनोज ने दावा किया कि उसके पिता दीनेश्वर प्रसाद खुफिया विभाग से ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए हैं और मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से उनके बेहद नजदीकी रिश्ते हैं. मनीष कुमार ने बताया कि सीबीआई मुख्यालय पहुंचने के बाद सबसे पहले मनोज ने अजीत डोभाल का हवाला देते हुए पूछताछ कर रहे अधिकारियों का तबादला कराने की धमकी तक दी.

मनोज प्रसाद ने यहां तक दावा किया कि उसका छोटा भाई सोमेश प्रसाद दुबई स्थिति एक अधिकारी का भी बेहद करीबी है और खुफिया विभाग में मौजूदा स्पेशल सेक्रेटरी सामंत गोयल से उसके बेहद अच्छे रिश्ते हैं. लिहाजा इन रिश्तों का इस्तेमाल करते हुए वह जांच कर रहे अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने का काम कर सकता है.

Sunday, November 18, 2018

PM मोदी ने किया KMP एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन, दिल्ली से घटेगा गाड़ियों का बोझ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कुंडली-मनेसर-पलवल एक्सप्रेसवे (KMP) का उद्घाटन किया. एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने के साथ ही प्रधानमंत्री ने गुरुग्राम में रैली को भी संबोधित किया. इस एक्सप्रेस के उद्घाटन के साथ ही अब राजधानी दिल्ली को बाहर से आने वाले वाहनों से राहत मिलेगी. इस एक्सप्रेस-वे की मदद से राजधानी को प्रदूषण से राहत मिलेगी. एक्सप्रेस-वे के अलावा प्रधानमंत्री ने श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया.

यह रूट खुलने के बाद दिल्ली में प्रदूषण घटने की संभावना है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में घुसने वाले ट्रकों को एक बाइपास रास्ता मिल जाएगा. इस एक्प्रेसवे का 53 किलोमीटर हिस्सा पहले से चालू है लेकिन सोमवार को पूरी सड़क का उद्घाटन होने के बाद कुल 136 किलोमीटर लंबे रूट पर ट्रैफिक शुरू हो जाएगा.

एक्सप्रेसवे पर सुविधाएं
केएमपी एक्सप्रेसवे को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है. इसे 2009 में ही पूरा होना था लेकिन कई अड़चनों के कारण काम में बाधा आती गई. जमीन अधिग्रहण को लेकर कई दिक्कतें सामने आईं. वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईएमपी) के साथ केएमपी एक्सप्रेसवे तकरीबन 50 हजार बड़ी गाड़ियों को दिल्ली में घुसने से रोकने में सक्षम होगा.

6 लेन के इस एक्सप्रेसवे पर पार्किंग की जगह, पेट्रोल स्टेशन, पुलिस थाने, एक ट्रॉमा सेंटर, हेलीपैड, जलपान गृह और मनोरंजन केंद्र होंगे. इस रूट पर 8 छोटे और 6 बड़े पुल होंगे. इसके साथ ही 4 रेलवे ब्रिज, 34 अंडरपास और 64 पैदल यात्री क्रॉसिंग की सुविधा होगी.

दिल्ली में घटेगा प्रदूषण

दिल्ली में बड़ी गाड़ियों के प्रवेश के कारण प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है. इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहित एनजीटी भी कई हिदायतें जारी कर चुका है. केएमपी एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद दिल्ली में प्रदूषण स्तर नीचे जाने की संभावना है क्योंकि 50 हजार से ज्यादा बड़ी गाड़ियों को दिल्ली पारकर पड़ोस के राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

यह एक्सप्रेसवे दिल्ली होकर यूपी और राजस्थान जाने वाली गाड़ियों को एक बाइपास रूट देगा, खासकर बड़ी गाड़ियों को ज्यादा राहत मिलेगी क्योंकि दिल्ली में उन्हें ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है.

एक्सप्रेसवे का जाल

केएमपी एक्सप्रेसवे हरियाणा में पांच जगहों से होकर गुजरेगा. ये पांच जगह हैं- सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात और पलवल. इस एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे चार बड़े नेशनल हाइवे जुड़ते हैं-एनएच-1(दिल्ली-अंबाला-अमृतसर), एनएच-2 (दिल्ली-आगरा-वाराणसी-दनकुनी), एनएच-8 (दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई) और एनएच-10 (दिल्ली-हिसार-फजिल्का-भारत पाक सीमा). इसलिए यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत से लेकर मध्य, पश्चिम और दक्षिण भारत के ट्रैफिक को कम करने में मदद करेगा.

कई डेडलाइन पार

136 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास 2005-06 में किया गया था लेकिन अधिग्रहण और उसमें मिलने वाले मुआवजे को लेकर निर्माण की कई डेडलाइन पार होती चली गई. साल 2009 में एक्सप्रेसवे की कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपना काम रोक दिया लेकिन केंद्र सरकार के बीचबचाव के बाद 2016 में काम फिर शुरू हुआ. इसके साथ ही चार लेन के प्रस्तावित इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन में परिवर्तित करने का फैसला लिया गया. 83 किमी लंबे रूट पर 1863 करोड़ रुपए खर्च हुए लेकिन इस पूरे एक्सप्रेसवे पर 6400 करोड़ रुपए की लागत आई है.

Friday, November 16, 2018

ऐसे मंत्री के पास साइबर सिक्युरिटी की जिम्मेदारी

जापान के मंत्री योशीटाका साकुरादा (68) ने संसद में स्वीकार किया कि उन्होंने सार्वजनिक जीवन में कभी भी कम्प्यूटर नहीं चलाया। यूएसबी ड्राइव (पैन ड्राइव) उन्हें भ्रमित करती है। साकुरादा साइबर सिक्योरिटी के डिप्टी चीफ हैं। वे 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक और पैरालिंपिक खेलों के प्रभारी भी हैं

मैंने खुद कम्प्यूटर नहीं चलाया
बुधवार में संसद में विपक्ष के सवाल के दौरान साकुरादा ने कहा- 25 साल की उम्र से मैं अपने मातहतों को निर्देश जरूर दिए हैं लेकिन खुद कभी भी कम्प्यूटर नहीं चलाया। जब विपक्षी सांसदों ने साकुरादा से परमाणु ऊर्जा में पैन ड्राइव के इस्तेमाल पर सवाल किए तो वे कुछ भ्रमित दिखाई दिए। विपक्ष के नेता मसातो इमाई ने कहा कि इस पर विश्वास करना मुश्किल है कि जो व्यक्ति साइबर सिक्योरिटी को लेकर नीतियां बनाता हो, उसने कभी कम्प्यूटर नहीं चलाया।

सोशल मीडिया पर भी लोगों ने खिंचाई की
संसद में हुई ये बयानबाजी सोशल मीडिया पर शेयर हुई। ट्विटर पर एक यूजर ने कहा- ‘"क्या उन्हें (योशीटाका साकुरादा को) शर्म महसूस नहीं होती? आज किसी भी कंपनी के प्रेसिडेंट के पास खुद का पर्सनल कम्प्यूटर होता है। मंत्री तो यह भी नहीं जानते हैं कि यूएसबी क्या होता है? वे तो गाय की तरह हैं।'' एक अन्य यूजर ने लिखा- "अगर हैकर मंत्री साकुरादा को निशाना बनाना चाहें तो वे उनका कुछ नहीं चुरा पाएंगे। साकुरादा की अपनी तरह की मजबूत सिक्योरिटी है।''

विवादों में भी रहे
साकुरादा एक महीने पहले ही कैबिनेट में शामिल हुए। इसी महीने की शुरुआत में साकुरादा ने दावा किया था कि टोक्यो आने वाले उत्तर कोरिया के खेल मंत्री के साथ बातचीत की कोई योजना नहीं है। साकुरादा ने यह भी कहा था कि वे इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी के प्रेसिडेंट थॉमस बाख को नहीं जानते।

शुक्रवार, 16 नवंबर 2018 को सूर्य राशि बदलकर तुला से वृश्चिक में आ गया है। इस राशि में पहले से ही गुरु और बुध ग्रह स्थित है। सूर्य के वृश्चिक में जाने से गुरु तारा अस्त हो गया है। सूर्य 16 दिसंबर तक इसी राशि में रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार सूर्य के राशि परिवर्तन का असर सभी 12 राशियों पर हो रहा है। कुंभ, मिथुन और मकर सहित इन 9 राशियों के लिए आने वाला समय अच्छा रहेगा। यहां जानिए वृश्चिक राशि के सूर्य का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा...

मेष- अभी नुकसान हो सकता है। कुछ समय बाद समय में सुधार होगा। सभी कार्य समय पर पूरे होने लगेंगे। अच्छी आय भी प्राप्त होगी। कहीं घूमने जाने का मौका प्राप्त होगा।

वृषभ- अभी का समय आपके लिए अच्छा रहेगा। आय होती रहेगी। मित्रों की सहायता प्राप्त होगी। सुविधाएं भी मिलेगी, लेकिन व्यय भी अधिक होगा। ध्यान रखें घर में विवाद भी हो सकते हैं।

मिथुन- आपके लिए समय अच्छा है, लेकिन अतिआत्मविश्वास से नुकसान की संभावना है। संयम में रहें। रुका धन प्राप्त होने का योग है। सरकारी कार्यों में बाधा के बाद सफलता प्राप्त होगी।

Sunday, November 11, 2018

फ़ेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ बीबीसी का हल्ला बोल!

व्हाट्सऐप पर हर रोज़ टहलने वाले करोड़ों-अरबों संदेशों के बीच कुछ मैसेज, तस्वीरें या वीडियो ऐसे संदेश लेकर आते हैं, जो हमें डराते हैं या गुस्सा दिलाते हैं. ज़रूरी नहीं कि वो सच हों. लेकिन हम उन्हें सच मान लेते हैं. ये संदेश इतने ख़तरनाक हो गए हैं कि अब मौत की वजह बनने लगे हैं. और ऐसे संदेशों को नाम दिया गया है फ़ेक न्यूज़!

लेकिन अगर कोई चीज़ फ़ेक या फ़र्ज़ी है, तो फिर वो न्यूज़ या ख़बर कैसे हो सकती है?

ये सवाल सही है लेकिन बदक़िस्मती से फ़ेक न्यूज़ हमारे दौर के सबसे बड़े विरोधाभासों में से एक हैं. और ये सिर्फ़ व्हाट्सऐप नहीं, बल्कि फ़ेसबुक, टि्वटर और दूसरे ज़रियों से हम तक पहुंच रही है.

बीते कुछ साल में फ़ेक न्यूज़ इतनी बड़ी मुसीबत बनकर उभरी है कि इनकी वजह से लोगों की हत्याएं, हिंसा, दंगे और आगजनी हो चुकी है.

इन्हीं बातों के मद्देनज़र दुनिया का सबसे विश्वसनीय समाचार संस्थान होने के नाते बीबीसी ने फ़ेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ एक ख़ास अभियान शुरू किया गया है.

का नाम दिया गया है और इसी सिलसिले में 12 नवंबर, सोमवार को लखनऊ के अलावा दिल्ली समेत देश के छह प्रमुख शहरों में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

इन कार्यक्रमों में सरकारी नुमाइंदे, नेता, पुलिस, मीडिया, साइबर जानकार और फ़ेक न्यूज़ के पीड़ितों के अलावा वो जाने-माने लोग हिस्सा ले रहे हैं जिन पर कहीं ना कहीं फ़र्ज़ी ख़बरों को ख़त्म करने या रोकने की ज़िम्मेदारी बनती है.

बीबीसी हिन्दी इस रोज़ लखनऊ यूनिवर्सिटी के मालवीय हॉल में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर रहा है जिसमें उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, डीजीपी ओ पी सिंह, वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार, सुनीता ऐरन, साइबर एक्सपर्ट जीतेन जैन, मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार और फ़ेक न्यूज़ के पीड़ित राहुल उपाध्याय हिस्सा ले रहे हैं.

इसी कार्यक्रम में बीबीसी हिन्दी के संपादक मुकेश शर्मा फ़ेक न्यूज़ पर किए गए बीबीसी की रिसर्च के निष्कर्ष सामने रखेंगे, जिससे इस बात का भी अंदाज़ा मिलेगा कि फ़ेक न्यूज़ का भारत पर क्या असर पड़ा या पड़ रहा है. ये सर्वे बीबीसी ने गूगल और टि्वटर के साथ मिलकर किया है.

कार्यक्रम में इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश भी होगी कि क्या फ़ेक न्यूज़ भारत के लिए नई दीमक बनती जा रही है?

इसे लेकर पुलिस और दूसरी एजेंसियों का रवैया कैसा है और क्या इससे निपटने के लिए उनके पास पर्याप्त ट्रेनिंग या टूल हैं?

फे़क न्यूज़ पहचानने की ट्रेनिंग

साथ ही ये सवाल भी अहम है कि फ़ेक न्यूज़ के मामले में मीडिया का रोल कैसा रहा है और क्या फ़र्ज़ी ख़बरों पर लगाम कसने की ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभा पा रही है?

अभियान की लखनऊ की कड़ी में एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन भी किया जाएगा जिसे गूगल के नुमाइंदे संभालेंगे. इस सेशन में कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को फ़ेक न्यूज़ पहचानने वाले गूगल टूल की ट्रेनिंग दी जाएगी.

इस अभियान का लक्ष्य फ़ेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ जंग छेड़ना है जो दुनिया भर में सामाजिक और राजनीतिक नुकसान पहुंचा रही है. ग्लोबल मीडिया लिटरेसी के अलावा इस अभियान के तहत पैनल डिबेट होगी और साथ ही फ़ेक न्यूज़ से निपटने के लिए टेक्नोलॉजिकल हथियारों पर भी बात होगी.