Friday, May 24, 2019

晋江文学城涉黄被查 这些热门影视剧IP均出自这里

  中新网客户端北京5月24日电(记者 上官云)24日,“晋江文学城整改声明”登上热搜,这是怎么回事?

  5月23日,北京市“扫黄打非”部门联合行动,查处晋江文学城涉嫌传播淫秽色情信息行为,关闭停更相关栏目、频道;对违法行为,执法机关将进一步追查。

  据了解,按照北京市扫黄打非“净网2019”专项行动工作部署,根据群众举报,5月23日,北京市“扫黄打非”办公室组织市文化市场行政执法总队、市公安局治安管理总队等单位,对北京晋江原创网络科技有限公司运营的晋江文学城网站进行联合检查。

  经查,在该网站登载的网络作品中,《不知悔改的男人》《妖孽养成日记》等作品涉嫌传播淫秽色情内容,对公众特别是未成年人的身心健康有毒害。

  鉴于北京晋江原创网络科技有限公司对相关网络出版物内容疏于监管,未尽合理审查义务,相关部门依法责令其立即进行整改,配合执法机关调查,全面清查网络出版物内容,完善审核编辑制度,对存在问题立行立改。对该网站涉嫌违法行为,执法机关将进一步依法作出严肃查处。

  晋江文学城同日发布整改声明称,从即日起,立即关停古代纯爱频道下的东方架空栏目及衍生纯爱频道下的东方幻想栏目,停止更新原创分站15天。

  声明指出,晋江文学城将主动配合执法机关依法查处,诚恳接受处罚,同时,按照行业主管部门的要求,全面开展自查,认真进行整改。

  24日凌晨,微博认证为“晋江文学城站长冰心”的“晋江iceheart”发文回应称,在交流中深切地感受到有关部门及领导希望帮助网站健康成长的态度,“也希望大家和我们一同珍惜这次整改的机会,积极寻找网文写作的正确道路”。

  文中提及,本次涉黄的文章已经分发给责编认真学习研究,着手制定新的审核标准。同时提到,被封文章中有一段不足四百字描写,没有具体器官名称,没有交互动作,已经被鉴定中心鉴定为色情等级最高的淫秽描写。

  “万望大家对自己提高标准,严格要求,切勿打任何擦边球。这是对自己负责,也是对同站的数万作者负责。看到其它人有写,也请积极到举报中心举报。”文中写道,“这不是打击报复,不是同行倾轧,这是对自己和全站的所有作者负责”。

  文中说,仍建议大家目光放长远,给主角寻找更高级的人生目标和除爱情之外的幸福追求,人生不只是小情小爱,还有很多值得歌颂及描摹(的)理想与追求。

  据“晋江文学城”网站介绍,晋江文学城创立于2003年,是中国大陆范围内具有较高影响力的女性向原创文学网站之一。拥有在线网络小说311余万部,已出版小说7513余部,签约版权作品25万余部,平均每个月新增签约版权在2800部以上。注册作者数逾171万,平均日更新字数超过3600万,网站累计发布字数超过753亿。

  自2008年1月网站VIP业务开通起,网站注册用户数增加580万。截止到2019年4月,注册用户数已超3297万,日平均在线时间长达94.19分钟。

  从以上数据不难看出,晋江文学城拥有相当大的读者数量和影响力。值得注意的是,近年来许多关注度较高的影视剧IP均出自该网站。比如《何以笙箫默》《步步惊心》《寂寞空庭春欲晚》等。

  此外,还有火爆一时的《花千骨》《美人心计》《香蜜沉沉烬如霜》,以及最近的热门电视剧《知否?知否?应是绿肥红瘦》等。`1

Wednesday, May 8, 2019

那些协助富豪适应囚狱生活的“监狱教练”

美国近月爆出多宗名人名星丑闻:先有美国总统特朗普前私人律师科恩(Michael Cohen)承认向两名据报与特朗普有染的女子提供“封口费”,美国电视剧《绝望的主妇》(Desperate Housewives)女演员菲丽西提·霍夫曼(Felicity Huffman)也卷进大学入学作弊丑闻,可能被判囚10个月。要这些人从豪宅转到冷冰冰的监狱生活不是一件容易的事,但在美国,只要花一点钱聘请一个“监狱教练”,他们就可以把这个过程变得舒服一点。

这些“教练”不能直接要求监狱当局改善他们客户的待遇,但可以教导他们如何向法官求情、帮助他们获安排到环境较好的监狱等等,收费从数千美元到10万美元,主要按“教练”提供服务的种类分别收取。

他们向BBC记者普拉萨德(Ritu Prasad)说,他们收取的费用并不便宜,但对客户来说这些都是一个投资。

重新取得控制权
莱温(Larry Levine)是这些“教练”中的其中一员。他对美国监狱有第一手经验。在成为“监狱教练”前,他曾在美国不同级别的监狱服刑大约10年。

他接受BBC访问时形容,被逮捕的人从被锁上手铐一刻就已经失去自由。“我的工作,就是教导他们如何充份利用各种计划、让他们知道自己有哪些权利、让他们可以做什么重新取得控制权。”

“我不会告诉他们监狱方面应该做什么。我只会告诉他们实际上会发生什么事,也会告诉他们为什么会这样。”

莱温现时的客户,包括卷入大学入学作弊丑闻的名人。他过去的客户包括一名被指偷钱的法官,还有一名被控偷取公款的官员。据他估计,客户中有75%被控白领犯罪,另外25%被控与毒品有关的罪行。

不论你的社会地位如何,任何在美国被控告的人都要面对一个十分不透明的司法制度。莱温等“监狱教练”的主要工作就是让客户熟悉这个制度。

这包括学习司法机构用的技术用词、被告人要面对的程序、不同惩教机构的职责、如何参加一些可以减短刑期的计划等。最重要的,是教训客户什么情况认罪、什么情况在法庭抗辩对自己比较有利。

BBC接触到的一些“监狱教练”说他们十分不信任律师,他们认为律师经常犯错,又只能用法律用词向自己的客户解释他们有什么选择。

这些“监狱教练”说,对他们许多比较富有的客户来说,这些客户要求的是得到一个比较“个人化”的庭审过程。

另一名“监狱教练”帕佩尔内(Justin Paperny)透露,他目前的客户包括卷入大学入学作弊丑闻的两个家庭,他们都希望可以得到提议,让判刑对自己最有利。他说,法官都希望被告能为自己说话,“所以我们帮助他们用自己的话向法官解释,为何他们值得被判最短的刑期。”

一般因为商业犯罪被判坐囚的人都会获安排在低级别监狱服刑,这些监狱的囚室很像一般宿舍,很多时候监狱四周甚至没有完整的围栏。他们可能要睡在双层床,但这些监狱比电视剧里看见的环境更好。

可是,犯人获分配到这些低级别监狱并不是必定发生的事情。“监狱教练”弗朗茨(Michael Frantz)说,美国监狱囚禁的犯人通常比监狱设计的容量多44%。因此犯人的罪名可能只需要囚禁在低级别的监狱,但却被分配到保安级别比较高的监狱。

弗朗茨介绍说,美国低保安级别的监狱有少许暴力犯罪,但不是十分多。“强暴、打架等暴力行为通常在中度到高度保安级别的监狱发生。”

弗朗茨曾经在美国联邦监狱坐36个月的牢,他说他的职责是为了客户找到安全的监狱,同时照顾他们的个人需要,为他们争取最多的自由。

弗朗茨举例说,如果客户喜欢运动,就不会令他被安排到一所他不能运动的监狱。“如果他喜欢阅读,那也是一个考虑的原因:如果他想吃某种食物,我们就会为他找一所提供那种食物的监狱。”

例如,美国总统特朗普前私人律师科恩现时在纽约州奥蒂斯维尔监狱服刑,这个监狱会提供一些犹太食物和宗教仪式。

这些“监狱教练”都会给客户一个建议:别闹事,也要习惯他们通常不会得到自己想要的东西。他们也说,一般白领犯人最害怕袭击,也最害怕无法与家人联系。而虽然他们获派的监狱都安全,种族问题和政治争执始终存在,他们也要注意自己的言语和行为。

莱温给客户的其中一个意见是给其他人“最崇高”的尊重,例如排队打电话不要插队,也不要从其他人的餐盘中拿东西吃。

弗朗茨说在科恩的例子中,他要提防特朗普的支持者,因为科恩作供时给出对特朗普不利的证据,特朗普支持者不会放过他。

除了其他犯人,弗朗茨也会提议客户不要惹怒看守监狱的守卫。弗朗茨曾经在一家低保安级别的监狱服刑,但守卫当时以为他犯了规,依旧把他调到一个小囚室与另一位囚犯关起来,待了91天才可以离开。

Thursday, May 2, 2019

चीन के क़ब्ज़े में 24 साल से क़ैद पंचेन लामा क्या ऐसे दिखते होंगे?

चीन ने जब 1995 में तिब्बती बौद्ध धर्म के दूसरे सबसे अहम व्यक्ति को छह साल की उम्र में अपने क़ब्ज़े में लिया तब उन्हें दुनिया का सबसे युवा राजनीतिक बंदी कहा गया था. चौबीस साल बाद भी उन्हें देखा नहीं गया है. और इससे इस धर्म के बारे में एक मुश्किल सवाल खड़ा हुआ है.

उन्हें बंदी क्यों बनाया गया था?

तिब्बती बौद्ध पुनर्जन्म (अवतार) में विश्वास रखते हैं. जब तिब्बती बौद्ध धर्म के दूसरे सबसे अहम व्यक्ति पंचेन लामा की 1989 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई (कुछ लोगों का मानना है कि चीन सरकार ने उन्हें ज़हर दिलवाया था) तो उनका अवतार जल्द ही होने की उम्मीद ज़ाहिर की गई.

14 मई 1995 को तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रमुख दलाई लामा ने एन पंचेन लामा को पहचाने जाने की घोषणा की. छह साल के गेझुन चोएक्यी न्यीमा को पंचेन लामा का अवतार घोषित किया गया. वो तिब्बत के नाक्शु शहर के एक डॉक्टर और नर्स के बेटे थे.

चीनी प्रशासन को उम्मीद थी कि पंचेन लामा को बिना दलाई लामा के हस्तक्षेप के पहचान लिया जाएगा. दलाई लामा 1959 में तिब्बत छोड़कर भारत आ गए थे और तिब्बत की निर्वासित सरकार का गठन किया था.

चीनी सरकार ने न्यीमा और उनके परिवार को ही परिदृश्य से बाहर कर दिया और चीनी सरकार के प्रभाव वाले बौद्ध धर्मगुरुओं से ऐसे पंचेन लामा की पहचान करने के लिए कहा जो चीन के इशारे पर चले.

इसके बाद क्या हुआ?
17 मई 1995 को चीन ने उन्हें अपने नियंत्रण में लिया और तब से ही उन्हें लोगों की नज़र से दूर रखा गया. एक बार एक अधिकारी ने साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट को बताया था कि वो उत्तरी चीन के गानझू में रह रहे हैं. एक थ्योरी ये भी है कि उन्हें या तो बीजिंग में या उसके आसपास रखा गया है.

अक्तूबर 2000 में तत्कालीन ब्रितानी विदेश मंत्री रॉबिन कुक ने संसद की सेलेक्ट समिति को बताया था, "हर बार जब हमने गेझुन चोएक्यी न्यीमा का सवाल उठाया...हमें चीन की सरकार ने ये भरोसा दिया कि उनकी सेहत अच्छी है और उनकी अच्छे से देखभाल की जा रही है और उनके परिजन अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं."

"बीते सप्ताह हुई बैठक में उन्होंने हमें दो तस्वीरें दिखाईं और बताया कि ये गेझुन चोएक्यी न्यीमा की हैं. इनमें वो घर के भीतर दिख रहे थे. हमारी मांग ये थी कि हम स्वयं जाकर इसकी पुष्टि करें लेकिन ये मुख्य मांग नहीं मानी गई."

जो तस्वीर आपने इस पन्ने के शीर्ष पर देखी है वो फोरेंसिक आर्टिस्ट टिम विडेन ने एज प्रोग्रेशन तकनीक से उनकी उम्र का हिसाब लगाकर बनाई है. ये उस एकमात्र तस्वीर पर आधारित है जो पंचेन लामा को खोज रहे दल ने 1994-95 में ली थी. ये दल लामा की खोज में समूचे तिब्बत की खाक़ छान रहा था.

टिम विडेन को पंचेन लामा की 30वें जन्मदिन के लिए तस्वीर बनाने का काम दिया गया था. विडेन कहते हैं कि उन्होंने ये तस्वीर औसत सेहत और औसत बजन का अनुमान लगाकर बनाई है, हालांकि ये भी हो सकता है कि वो बहुत दुर्बल हो गए हों. उन्होंने उनके बालों की भी कल्पना ही की है.

विडेन को जब किसी लापता व्यक्ति का बढ़ती उम्र आधारित फोटो बनाना होता है तो इसके लिए उनके पास उसकी कई तस्वीरें होती हैं. साथ ही परिजनों और भाई बहनों की तस्वीरें भी होती हैं. लेकिन इस मामले में उनके पास किसी तरह की कोई तस्वीर नहीं थी.

ये तस्वीर अंतरराष्ट्रीय तिब्बत नेटवर्क के लिए बनाई गई है. इससे अलग एक संगठन इंटरनेशनल कैंपने फॉर तिब्बत ने भी चार साल पहले लामा की इससे मिलती जुलती तस्वीर ही प्रकाशित की थी. ये तस्वीर लामा के लापता होने के बीस साल पूरे होने पर जारी की गई थी. तब उनकी उम्र 26 साल थी.

इस तस्वीर में पंचेन लमा को एक बौद्ध भिक्षु के वस्त्र पहने दिखाया गया है. लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं है कि वो कभी भिक्षु बने या नहीं. जब भी चीन के अधिकारियों ने उनके बारे में बताया कि वो पढ़ाई कर रहे हैं, ये कभी नहीं बताया गया कि वो क्या पढ़ाई कर रहे हैं.

पंचेन लामा इतने अहम क्यों हैं?

दलाई लामा की ही तरह पंचेन लामा को भी बुद्ध के ही एक रूप का अवतार माना जाता है. पंचेन लामा को अमिताभ, यानी बुद्ध के असीम प्रकाश वाले दैवीय स्वरूप, का अवतार माना जाता है. जबकि दलाई लामा उनके अवालोकीतेश्वरा स्वरूप के अवतार माने जाते हैं. अवालोकीतेश्वरा को करुणा का बुद्ध माना जाता है.

पारंपरिक रूप से, एक रूप दूसरे स्वरूप का गुरू है और दूसरे के अवतार की पहचान में अहम भूमिका निभाता है. पंचेन लामा की उम्र और दलाई लामा की उम्र में पचास से अधिक साल का अंतर है, ऐसे में जब दलाई लामा के अवतार की खोज होगी तो ये काम पंचेन लामा ही करेंगे.

जब 1995 में चीनी सरकार ने पंचेन लामा के चयन की प्रक्रिया पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश की थी, हो सकता है वह पहले से इसकी तैयारी कर रही हो.

दलाई लामा ने 2011 में अपने रिटायरमेंट और पुनर्जन्म (फिर से अवतार लेने) को लेकर एक संदेश में लिखा था, "वे कहते हैं कि वे मेरी मृत्यु का इंतज़ार कर रहे हैं और फिर अपनी मर्ज़ी के व्यक्ति को 15वें दलाई लामा के तौर पर मान्यता देंगे."

क्या पंचेन लामा के बिना कोई और दलाई लामा बन सकते हैं?

दलाई लामा के पुनर्जन्म को तलाशने में पंचेन लामा की भूमिका प्रमुख रहेगी, मगर इंटरनेशनल कैंपेन फ़ॉर तिब्बत के उपाध्यक्ष भूचुंग त्सेरिंग कहते हैं, ऐसा नहीं है कि "दलाई लामा के फिर से अवतार लेने की प्रक्रिया पूरी तरह उन्हीं के ऊपर निर्भर करती है."

उनका अनुमान है कि जब समय आएगा, चीनी प्रशासन "अपने राजनीतिक हितों के लिए उस शख़्स को इस्तेमाल कर सकता है जिसे उसने पंचेन लामा के तौर पर चुना है."

दलाई लामा ने मार्च में समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा था कि उनका उत्तराधिकारी भारत में भी मिल सकता है, जहां वह ख़ुद औऱ कई सारे तिब्बती पिछले 60 सालों से रह रहे हैं.

उन्होंने कहा था, "भविष्य में अगर आपको दो दलाई लामा देखने को मिलें, एक यहां पर एक स्वतंत्र देश में और दूसरा चीनियों का चुना हुआ, तो कोई (चीनियों के चुने हुए दलाई लामा की) इज्जत नहीं करेगा. तो चीनियों के लिए यह और बड़ी समस्या है."

उन्होंने यह भी कहा था कि इस साल भारत में तिब्बती बौद्धों की मीटिंग में यह चर्चा हो सकती है कि दलाई लामा के पद को जारी रखने की ज़रूरत है या नहीं.